
उत्तराखंड और हिमाचल की गोद में कई ऐसे बेहतरीन कॉटेज हैं, जो आपकी छुट्टियों और यादों को स्पेशल यादगार बना देंगे.तो क्या आप भी ऐसी जगह जाना चाहेंगे, जो तमाम शोर-शराबे से दूर आपको सुकून भरी छुट्टियां एंजॉय करने का मौका दें.
क्या आप भीड़भाड़ में बसे होटलों में स्टे करते-करते ऊब चुके हैं? अगर हां और आप घूमने के शौक़ीन है तो आपको आज जम ऐसी कुछ जगहे बताते है जहा खुशनुमा माहौल में आप बालकनी में चाय की चुस्की का आनंद लेते हुए प्रकृति की खूबसूरत वादियों के भी नज़ारे भी ले सकते है, जहा आपके सामने बर्फ से ढके पहाड़, लहलहाते खेत हरी भरी वादिया और प्रकृति के तमाम खूबसूरत नज़ारे आपके आखो के सामने हो
छोटा शिमला :- संजीव का आयरा होल्म रिट्रीट,
वादियों का नजारा और तारा देवी मंदिर आपकी छुट्टियों में चार चांद लगा देंगे.भागदौड़ और भीड़-भाड़ से दूर यह घर जैसा सुकून है. कॉटेज के आसपास माहौल शांत है. पेड़ों से घिरे कॉटेज घर के अंदर अर्बन फॉरेस्ट जैसा मजा देते हैं.
150 साल पुराना इस कॉटेज के आसपास हरी-भरी वादियां हैं. आसपास कंक्रीट की दीवारों से सजा ये कॉटेज कई तरह के खूबसूरत फूलों और बगीचे की बीच बसा है.हिमालय की गोद में बसा ये कॉटेज शिमला के मॉल रोड से 15 मिनट की दूरी पर बसा हुआ है. यहां पहुंचने के लिए पॉब्लिक ट्रांसपोर्ट और टैक्सी आसानी से उपलब्ध हो जाती है
मसूरी:- लॉन्ग केबिन,
इस कॉटेज की एक और खास बात है कि यहां की इनकम से वैसे एनजीओ को सपोर्ट किया जाता है, जो उत्तराखंड में महिलाओं के लिए काम करते हैं.
लॉन्ग केबिन का आर्किटेक्ट डेकोरेशन, कलर, खाना और सर्विस दूसरे कॉटेज के मुकाबले काफी हटकर है. अगर आप एडवेंचर लवर हैं, तो कॉटेज के पास आप ट्रैकिंग का लुफ्त उठा सकते हैं.उत्तराखंड के मसूरी में लॉन्ग केबिन कपल्स के लिए बेहद खास जगह है. यहां हर केबिन में प्राइवेट फायरप्लेस है. यहां आप सीधे खेतों की ताजा सब्जियों का लुफ्त उठा सकते हैं.
तीर्थन:- गोन फिशिंग कॉटेज:
आप अपने हेक्टिक शेड्यूल से थोड़ा समय निकाले और यहां के इको फ्रेंडली नेचर को एंजॉय करें.1700 मीटर ऊंची पहाड़ों की बाहों पर बनाया गए इस कॉटेज में खूबसूरत इको फ्रेंडली रिजॉर्ट और होमस्टे हैं. यहां पर खाना बनाने की सुविधा भी उपलब्ध है.यहां आपको गांव के घरों का एहसास होगा. पास ही आपको हरी-भरी पहाड़िया भी मिलेंगी, जहां आप योगा, मेडिटेशन कर सकते हैं.कंताल के नजदीक, ये पहाड़ी हाउस बेहद खूबसूरत है. यहां इको फ्रेंडली कॉटेज देखने को मिलेंगे, जो लकड़ी, मिट्टी और पत्थर से बनाए गए हैं.
अल्मोड़ा:
ये कॉटेज शहर की आपाधापी से दूर जालना ( अल्मोड़ा) के छोटे से गांव में बना है. तीन कमरों वाले होमस्टे में वह सब कुछ है, जो आप अपने लिए चाहते हैं.यहां के कमरों से बेहतरीन नजारे दिखते हैं. बर्फ से ढकी हुई नंदा देवी और दूसरी पहाड़ियां दिखाई देते हैं.अल्मोड़ा के पास बने सुकून कॉटेज हिमालय की गोद में हरे-भरे पेड़ों के बीच बसा हुआ है. लकड़ी और पत्थर से बना असली कुमाऊंनी आर्किटेक्ट और वहीं पर उगाए जाने वाली सब्जियों से बना टेस्टी खाना आपकी छुट्टियों को और दिलचस्प बना देगा.
जिलिंग:- जिलिंग टेरेस,
जिलिंग टेरेस ऐसा होमस्टे है, जिसमें आपको दो बड़े स्वीट्स, दो कमरे और हर कमरे के साथ 1 लॉबी मिलती है. रंगों का पैटर्न फूलों और बेरीज से सजाया गया है. जैसे कि कफल रूम, जिसे वाइल्ड टेन्जी बेरी के थीम पर सजाया गया है.दिल्ली से करीब 325 किलोमीटर की दूरी पर जिलिंग में जिलिंग टेरेस है. ये 2000 मीटर की ऊंचाई पर बना एक खूबसूरत कॉटेज है.